एक समय पर लावा LAVA, माइक्रोमैक्स Micromax, Karbonn कारबन जैसी भारतीय कंपनियां भारतीय बाजार में 45 प्रतिशत तक का मार्किट शेयर पकडे हुईं थी, लेकिन क्यों यह कंपनियां बंद हो गई और आज भारतीय बाजार में इनका मार्केट शेयर सिर्फ 1% का रह गया ||
खुद का मैन्युफैक्चरिंग सेटअप ना होना
भारतीय कंपनियों का आज मार्केट शेयर सिर्फ 1 प्रतिशत रह गया इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि उनका खुद का मैन्युफैक्चरिंग सेटअप ना होना जिससे यह कंपनियां दूसरी चीनी कंपनियों के ऊपर निर्भर होने लगी और उनसे खरीद कर ही यह भारत में मोबाइल बेचते थी ||
VIVO वीवो, ओप्पो OPPO, REAL ME रियल मी जैसी चीनी कंपनीयो की भारतीय बाजार मे एंट्री
भारत की सभी मोबाइल कंपनियां अपने सस्ते मोबाइल की वजह से जानी जाती थी जो कि जब भारत में वीवो ओप्पो रियलमी जैसे चीनी सस्ते ब्रांड की एंट्री हुई तो उनके साथ यह मुकाबला नहीं कर पाई क्योंकि भारतीय कंपनियों के मुकाबले चीनी कंपनियों के खुद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होने की वजह से उनसे रेट कम और फीचर्स ज्यादा होने से इसकी सेल बढ़ गई और भारतीय कंपनियों की मोबाइल डिमांड बिलकुल ख़तम हो गयी ||
Tata बना रहा है खुद का iphone
जहां एक तरफ भारतीय मोबाइल कंपनियां खुद को मार्किट मे वापसी कराने मे जूझ रही है वहीं टाटा ने भारत में आईफोन बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग कंपनी wistron को ओवरटेक करने वाली है ||