दोस्तों अगर आप फाइनेंस फील्ड के नहीं है तो आपने कई बार सुना होगा जीएसटी लगा देते हैं इस पर इतनी जीएसटी लगेगी जब आप कोई भी सामान दुकान से खरीदने जाते है तो || तो आखिर यह जीएसटी होता क्या है और यह क्यों लगाया जाता है तो चलिए जानते हैं विस्तार से ||
GST KYA HAI??
दोस्तों जीएसटी की फुल फॉर्म है गुड्स एंड सर्विस टैक्स तो जीएसटी एक तरह का टैक्स है जो गुड्स, गुड्स यानी कि जब हम कोई सामान खरीदते हैं या बेचते हैं उस पर जीएसटी लगती है और सर्विसेज यानी जब हम किसी प्रकार की सेवा लेते हैं या सेवा देते हैं तो उस पर भी टैक्स लगता है उदाहरण के साथ समझते हैं मान लेते हैं आप दुकान पर एक मोबाइल खरीदने जाते हैं अब मोबाइल पर 18 परसेंट की जीएसटी का रेट तय है तो आप जब दुकानदार से मोबाइल लेते हैं तो मोबाइल की कीमत ₹1000 होती है और दुकानदार उसपर 18 पर्सेंट जीएसटी लगा देगा तो आपको वह मोबाइल 1180 रुपए का पड़ेगा और दुकानदार के जेब में वह हजार रुपए ही जाएंगे उस समय पर आप दुकानदार को 1180 रुपए का भुगतान करेंगे जो कि दुकानदार हजार अपनी जेब में रखेगा और ₹180 टैक्स के रूप में सरकार के खाते में जमा करवा देगा तो यह होता है जीएसटी इसी प्रकार जब आप गुड्स के अलावा सर्विस की बात करें तो आप किसी होटल में जाते हैं तो होटल में कमरा लेते हैं आप उसकी सेवा ले रहे हैं तो वह 1000 रुपये कमरे का किराए में 18 पर्सेंट जीएसटी जोड़ करके आपसे पैसे लेता है तो वही जो जैसे मोबाइल के हजार रुपए अपने दुकानदार ने रखे थे होटल वाला 18 परसेंट जो उस पर टैक्स लगा ₹180 वह सरकार को जमा कर देगा और हजार रुपए अपने पास रख लेगा तो समान और सेवा में जो टैक्स जुड़ा इस टैक्स को ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स बोलते हैं ||
GST TAX RATES :
दोस्तों जैसे अभी ऊपर आपको बताया कि अब जब आप कोई मोबाइल खरीदने जाते हैं तो उस पर 18 पर्सेंट टैक्स लगाया जाता है ऐसे ही जीएसटी के टैक्स को अलग-अलग वस्तुओं के हिसाब से अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है इसमें पांच तरीके के टैक्स लगाए जाते हैं
1- 0% – जीएसटी टैक्स का पहला रेट होता है 0% जो कि खाने के पदार्थ पर लगाया जाता है जैसे फल हो गए सब्जी हो गई, दूध हो गयी, मछली हो गई इन सब चीजों पर 0% का टैक्स लगता है यानी की जीतने की चीज की कीमत है उतने की ही आपको मिलेगी किसी प्रकार का उसमें आपको टैक्स नहीं देना होता है ||
2- 5% – 5% का टैक्स श्रेणी में ऐसे खाद्य पदार्थ आते हैं जो पैक करके बेचे जाते हैं कोई भी पाक खाने का पदार्थ जो पैकिंग में आता हो जैसे दवाइयां हो गई बर्फ हो गई या अन्य कोई खाने की चीज जो पैक करके दी जाती है उसमें 5% की जीएसटी लगाई जाती है ||
3- 12% – इस श्रेणी में स्टेशनरी आइटम, प्रोसेसिंग जूस, फ्रोजन मीट घी यह सब आइटम 12% की श्रेणी में आते हैं इन आइटम की जब भी आप कोई खरीद करेंगे या इसको आप भेजेंगे तो आप उसमें 12% का टैक्स लगेगा ||
3- 18% – 18% की श्रेणी में मोबाइल फोन होटल रूम इसके अलावा स्टील मैटेरियल, थैली बनी यह सब चीज 18 परसेंट की श्रेणी में आती है इस प्रकार का कोई भी पदार्थ जब आप खरीदते हैं तो उसे पर आपको 18 परसेंट का टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा ||
4-28% – 28% जीएसटी की आखिरी श्रेणी और अधिकतर टैक्स श्रेणी है इसमें ऑटो पार्ट्स जब किसी भी तरीके के बाइक कार, फोर व्हीलर, टू व्हीलर, ट्रक यह सब गाड़िया 28% की श्रेणी में आती है जब आप कोई मोटरसाइकिल भी खरीदते हैं तो उसमें 28% की जीएसटी लगी होती है ||
तो चलिए अब जानते हैं जीएसटी टैक्स कितने प्रकार का होता है??
GST टैक्स कितने प्रकार का होता है??
जीएसटी टैक्स कर 4 तरीके का होता है
1- CGST ( CENTRAL GOODS AND SERVICE TAX )
दोस्तों ऊपर हमने सीखा जीएसटी के जो टैक्स है वह पांच प्रकार से लगाए जाते हैं 0% 5% 12% 18% और 28% अब अगर हम कोई भी वस्तु खरीदने हैं और इस राज्य में ही खरीदने वाला और बेचने वाला दोनों रहते हैं तो उसे वस्तु का जो टैक्स रेट होगा उसको आधा-आधा कर दिया जाएगा आधा सीएसटी और आधा सीएसटी उदाहरण के लिए हम किसी दुकान पर मोबाइल खरीदने जाते हैं तो मोबाइल पर 18 परसेंट का टैक्स लगाया जाता है अब हम इस राज्य में रहते हैं जिस राज्य से मोबाइल खरीद रहे हैं तो उसे 18 परसेंट को आधा-आधा कर दिया जाएगा आधा सीएसटी CGST में लगा दिया जाएगा यानी की 9% और आधा सीएसटी SGST में लगा दिया जाएगा और टैक्स हमको 18 पर्सेंट थी लगा तो इससे हुआ क्या की आधा-आधा बताने पर जो केंद्र सरकार है सीएसटी के रूप में अपना टैक्स वसूल लगी और एससी एसटी जो राज्य सरकार है वह अपना एससी-एसटी के रूप में अपना टैक्स वसूल लगी तो इस प्रकार से जब एक ही राज्य में लेना और देना होता है तो उसे पर उसे टैक्स के रेट को आधा-आधा कर दिया जाता है ||
2- SGST ( STATE GOODS AND SERVICE TAX )
जैसे अभी हमने देखा सीएसटी वाले केस में की कोई भी वस्तु जब एक ही राज्य के बीच में खरीदी और बेची जाती है तो उसको आधा-आधा कर दिया जाता है टैक्स रेट को और आधा सीएसटी और आधा सीएसटी में डाल दिया जाता है तो आप एससी एसटी भी समझ गए होंगे या राज्य कर का भाग होता है ||
3- IGST ( INTEGRATED GOODS AND SERVICE TAX )
जैसे हमने देखा कोई भी चीज एक ही राज्य में खरीदी और बेची जाती है तो उसे पर हम दो तरीके के टैक्स लगते हैं एक सीएसटी और एक एससी एसटी लेकिन अगर वही वस्तु हम एक राज्य से दूसरे राज्य में बेच रहे हैं या दूसरे राज्य से दूसरे राज्य में खरीद रहे हैं तो उसे स्थिति में हम सीएसटी एससी एसटी को आधा-आधा लगा दे रहे थे वह ना करते हुए आईजीएसटी को पूरा प्रतिशत लगा देंगे मान लो हम उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में मोबाइल खरीद रहे हैं या मंगा रहे हैं तो उसमें हम सीजीएसटी एसजीएसटी ना लगाते हुए पूरा 18 परसेंट की आईजीएसटी ही बिल में लगा देंगे तो जो उसका 18 परसेंट का पूरा पैसा होगा वह केंद्र सरकार के पास ही जमा हो जाएगा || IGST केंद्र सरकार का टैक्स है ||
4- UGST ( UNION TERRITORY GOODS AND SERVICE TAX )
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं हमारे देश में कई जगह ऐसी है जिनको भी राज्य का दर्जा नहीं मिला है जैसे लद्दाख हो गया दिल्ली हो गया ऐसे शहरों पर अगर हम फिर उसे वस्तु का सेल करेंगे तो हम एससी एसटी नहीं लगा सकते क्योंकि वह राज्य कर है और राज्य कर इस पर लगेगी जो राज्य होगा तो उसे स्थिति में अगर हम वहां पर खरीद बेच रहे हैं तो हम सीएसटी की जगह पर UGST लगा देंगे ||
दोस्तों अभी हमने यह सीखा कि जीएसटी क्या होता है या कितने प्रकार का होता है और यह कितने रेट पर लगाया जाता है लेकिन यह क्यों लगाया जाता है इसकी क्या आवश्यकता है तो जीएसटी एक तरीके का टैक्स है जिससे सरकार की कमाई होती है जैसे हम लोग कोई काम आते हैं तो उसे पर भुगतान करते हैं तो वैसे ही सरकार की कमाई का साधन वह है जिसे वह हमारे देश के विकास के लिए या अन्य सब्सिडी वगैरा देने के लिए, सरकारी स्कूल सरकारी बसें या सरकारी अस्पताल चलाने में इस्तेमाल करती है ||