FD लेते समय Interest रेट नही बल्कि यह बात का रखें ध्यान ||

दोस्तों जब हम किसी भी बैंक से FD लेते हैं तो हम सबसे ज्यादा एक ही चीज पर ध्यान देते हैं कि उसका बैंक का इंटरस्ट रेट क्या है || लेकिन अगर मैं आपसे यह कहूं कि इंटरस्ट रेट अगर आपने 9% भी लिया है और 10% से ज्यादा का वह आपको रिटर्न बना करके देगा तो क्या आप मेरी बात पर यकीन करेंगे || लेकिन यह बात सत्य है अगर आप बैंक से FD लेते समय इस बात का ध्यान रखेंगे तो आपको मिल सकता है कम रेट पर भी ज्यादा ब्याज ||

बैंक से FD लेते समय रेट ऑफ इंटरेस्ट के अलावा फ्रीक्वेंसी ऑफ़ कंपाउंडिंग जरूर चेक करें चलिए फ्रिकवेंसी आफ कंपाउंडिंग को सरल भाषा में समझते हैं ||

इसका मतलब यह है कि जो हमें फडी FD पर ब्याज मिल रहा है वह कितनी जल्दी हमारे मूल में जुड़ रहा है ||

उदाहरण के लिए अगर आपने ₹100000 की FD कराई है वो भी 10 साल के लिए तो आपको 10 साल बाद 8% के हिसाब से 2 लाख 15 हज़ार रुपये ब्याज मिलेगी अगर इस FD पर मिली ब्याज हर साल बाद आपके मूल में जोड़ी जाती है ||

जैसे पहले साल आपको 1 लाख पर ब्याज मिलेगी और दूसरे साल आपको एक लाख पर ₹8000 पर जो ब्याज मिली वह जुड़ के 1,08,000 में मिलेगी और यही ब्याज अगर हर साल के बजाए हर महीने हमारे मूल में जुड़ जाए तो आपको यही एक लाख की FD पर, 10 साल पर ही, 8% के हिसाब से ही 2 लाख 15000 रुपए नहीं बल्कि 2,21,000 ब्याज मिलेगी ||

तो यही होता है कंपाउंडिंग का फायदा अमाउंट सेम है, ईयर सेम है, परसेंटेज सेम है लेकिन ब्याज 6,000 रुपये बढ़ गई ||

इसलिए आप कभी भी FD करवाये तो FD रेट के अलावा फ्रीक्वेंसी ऑफ़ कंपाउंडिंग ज़रूर चेक करे ||

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