चेक बाउंस कानून क्या है? क्या चेक बाउंस होने पर होगी जेल? जानिए क्या कहता है चेक बाउंस नियम, Cheque bounse law

आजकल के इस डिजिटल युग में पैसों का भुगतान करने के लिए लोग कई तरह के साधनों का उपयोग करते हैं जिसमें मुख्ता यूपीआई UPI , आरटीजीएस RTGS, नेफ्ट NEFT आइएमपीएस IMPS या फिर चेक के द्वारा होते हैं ||

और इन सब के भुगतान के लिए आरबीआई ने या भारत सरकार ने अलग-अलग नियम बनाए हुए हैं जिसमें से मुख्ता चेक बाउंस पर सबसे कड़े कानून है इसमें आपको दो साल की जेल तक की सजा हो सकती है तो चलिए जानते है किन कारणो से चेक बाउंस होता है ||

चेक बाउंस होने के कारण

चेक बाउंस कई कर्म से हो सकता है जिसमें खाताधारक के साइन मिसमैच, खाता बंद होना , देने वाले का नाम सही न भरना, या फिर खाते में पैसे नहीं होना इनमें से चेक बाउंस होने के कोई भी कारण हो सकता है जिसमें मुख्ता खाते में पैसे नहीं होने पर मुकदमा तक किया जा सकता है ||

चेक बाउंस होने पर क्या होता है

चेक बाउंस होने पर बैंक के द्वारा कस्टमर से चार्ज भी प्राप्त किए जाते हैं यह न्यूनतम डेढ़ सौ रुपए से स्टार्ट होकर के अधिकतम ₹800 तक लगाए जाते हैं यह बैंक तू बैंक और ब्रांच तू ब्रांच निर्भर भी करता है इसके हिसाब से चार्ज कैलकुलेट किए जाते हैं ||

चेक बाउंस कानून Cheque Bounce Law

चेक बाउंस होने की स्थिति में बैंक के द्वारा सबसे पहले लेंडर को एक रसीद भेजी जाती है जिसमें चेक बाउंस का कारण बताया जाता है इसके बाद लेनदार को देनदार को नोटिस भेजना पड़ता है जो की चेक बाउंस के 30 दिन के अंदर ही भेजना होता है

यदि नोटिस देने के 15 दिन के अंदर कोई जवाब नहीं आता है या पेमेंट का भुगतान देनदार के द्वारा नहीं किया जाता है तो नोटिस भेजने के 15 दिन के बाद एक महीने के अंदर लेनदार द्वारा मजिस्ट्रेट में इसकी शिकायत करी जाती है

जिसके बाद भारतीय चेक बाउंस नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के मुताबिक व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है ओर अधिकतम 2 साल की सजा या चेक पर भरी हुई राशि के दुगना जुर्माना या फिर यह दोनों लगाए जा सकते है ||

चेक से भुगतान करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

अगर आप भी किसी को चेक के द्वारा भुगतान करते हैं तो उसमें आपको कई तरीके की सावधानियां रखनी चाहिए

1- सही देनदार का नाम का सही स्पेलिंग ( Correct payee Name )

2- सही तिथि ( Correct date )

3- सही हस्ताकचर ( Corrct Signarture )

4- खाते मे प्रयाप्त बैलेंस ( Fund aviliblities )

तो यह चार-पांच चीज हैं जो हमें किसी को भी चेक से पेमेंट करते समय ध्यान रखनी चाहिए ||

Post by

Anurag

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